Automotive Skills Training 2024: देहरादून के 8 वीं और 10वीं पास बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है। देहरादून में अशिक्षित बच्चों को रोजगार की चिंता से मुक्त करने के लिए शहर की आसरा ट्रस्ट ने एक अनूठी पहल शुरू की है। देहरादून में स्थित आशा ट्रस्ट में युवाओं में स्किल डेवलपमेंट करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्किल प्रोग्राम शुरू किया है इसके प्रोग्राम के अंतर्गत शहर के 8 वीं और 10वीं पास बच्चों को निशुल्क आटोमोटिव ट्रेनिंग दे जाएगी।
देहरादून की आसरा ट्रस्ट ने शुरू की अनूठी पहल
जैसा कि हमने आपको बताया देहरादून में आसरा ट्रस्ट द्वारा यह महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई है जिसमें रोजगार स्किल के लिए शहर के 8 वीं और 10 वीं उत्तीर्ण बच्चों को निशुल्क आटोमोटिव ट्रेनिंग दी जाएगी । इस आटोमोटिव ट्रेनिंग में आठवीं और दसवीं उत्तीर्ण बच्चों को दोपहिया और तिपहिया वाहन की सर्विसिंग करने की ट्रेनिंग उपलब्धि कराई जाएगी । इस संपूर्ण प्रोग्राम के अंतर्गत कोशिश की जाएगी की 8 वीं और 10वीं उत्तीर्ण बच्चे इस ऑटोमेटिक क्षेत्र में दोपहिया और तिपहिया वाहन की सर्विसिंग के सारे गुण सीख सके । वही पूरी ट्रेनिंग के पश्चात उन्हें सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा ताकि भविष्य में भी इस सर्टिफिकेट के माध्यम से टेक्नीशियन कि जॉब प्राप्त कर सके।
8 वीं और 10 वीं उत्तीर्ण बच्चों को दिया जा रहा Automotive Skills Training 2024
आसरा ट्रस्ट ने इस योजना की घोषणा 15 जुलाई को वर्ल्ड यूथ स्किल डे पर की थी। वर्ल्ड यूथ स्किल डे पर युवाओं में स्किल डेवलप करने हेतु देहरादून में स्थित आसारा ट्रस्ट द्वारा स्किल सेट डेवलपमेंट का कार्यक्रम शुरू किया गया। इस कार्यक्रम की संपूर्ण जानकारी देते हुए आसारा ट्रस्ट के प्रोग्राम अध्यक्ष ने प्रेस में विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि इस प्रोग्राम के माध्यम से बच्चों में स्किल सेट बढ़ाया जाएगा और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर दिए जाएंगे । इस संपूर्ण में प्रयास का उद्देश्य आठवीं और 10वीं उत्तीर्ण बच्चों को लेवल 3 और लेवल 4 की ट्रेनिंग देना है जिससे वह आटोमोटिव सर्विस टेक्निशियन कोर्स में माहिर बन सके और आटोमोटिव क्षेत्र में दोपहिया और तीपहिया वाहनों की सर्विसिंग का सम्पूर्ण कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
बीच मे पढाई छोड़ने वाले बच्चों को मिलेगा अब बेहतर रोजगार
इस कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के पश्चात बच्चों को प्रशिक्षण सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। वहीं इस प्रशिक्षण सर्टिफिकेट के माध्यम से यह कोशिश की जाएगी कि बच्चे यदि भविष्य में आगे पढ़ाई नहीं कर रहे हैं तो वह 8 वीं और 10 वीं उत्तीर्ण करने के पश्चात ही किसी भी आटोमोटिव क्षेत्र में बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सके । इस प्रशिक्षण प्रोग्राम को और बेहतर करने के लिए आसारा ट्रस्ट ने अपने कार्यालय में एक गेराज भी तैयार किया है। इस गेराज में बच्चों को टेक्निशियन कोर्स के लेवल 3 और लेवल 4 की ट्रेनिंग दी जाएगी जिसमें सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चे सर्विसिंग के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल कर सकें।
बच्चो को मिलेगा इंटर्नशिप का मौका
इस ऑटोमोटिव स्किल सेट डेवलपमेंट प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य उन बच्चों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है जो बच्चे 8 वीं ,10वीं के पश्चात किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं और आगे पढ़ाई नहीं कर पाते । ऐसे बच्चे पढ़ाई छोड़ने के बाद यहां वहां भटकने की बजाय इस कौशल प्रशिक्षण को प्राप्त कर सीधे नौकरी से जुड़ सकते हैं। वहीं आटोमोटिव कंपनियों के साथ मिलकर बच्चे अपनी स्किल सेट को और ज्यादा निखार सकते हैं और आटोमोटिव क्षेत्र में भविष्य में आईटीआई के माध्यम से विभिन्न डिग्रियां भी हासिल कर सकते हैं।
इस कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आसारा ट्रस्ट कोशिश करेगी कि शहर के सारे आठवीं दसवीं उत्तीर्ण बच्चे जो भविष्य में अपनी पढ़ाई पूरी करने में असमर्थ हैं उन्हें जोड़ा जा सके। वहीं आसारा ट्रस्ट इस पूरे कौशल प्रशिक्षण के दौरान यह भी कोशिश करेगी कि बच्चों को ट्रेनिंग के बाद में इंटर्नशिप भी उपलब्ध कराई जाए ताकि बच्चे बेहतर ट्रेनिंग प्राप्त कर आटोमोटिव कंपनियों के साथ जुड़कर और ज्यादा बेहतर ज्ञान प्राप्त कर।
रहने और खाने की भी दी जाएगी पूरी सुविधा
आसरा ट्रस्ट द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के अंतर्गत बच्चों को ट्रेनिंग के दौरान रहने खाने की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे बच्चे जो प्रदेश के अलग-अलग कोनों से आ रहे हैं उन्हें आसरा ट्रस्ट अपने केंद्र में रुकने की भी सुविधा उपलब्ध करा रही है । वही आटोमोटिव ट्रेनिंग के पूरे सेशन के दौरान उनके खाने की भी व्यवस्था आसरा ट्रस्ट के द्वारा ही उपलब्ध करवाई जाएगी। कुल मिलाकर इस पूरी ट्रेनिंग व्यवस्था के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को रहने खाने की किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो वहीं ट्रेनिंग भी निशुल्क रूप से प्राप्त कर इंटर्नशिप भी कर सके और अपने भविष्य को बेहतर करने की कोशिश कर सके।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर देहरादून कि इस आसारा ट्रस्ट द्वारा शुरू की गई इस अनूठी पहल से उम्मीद की जा रही है कि उत्तराखंड के 8वीं और 10वीं उत्तीर्ण बच्चे जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ हैं उन्हें बेहतर ट्रेनिंग कौशल प्रदान किए जाएं और रोजगार के बेहतर अवसर से जोड़ा जाए।