India Canada Tension: पिछले वर्ष कनाडा की धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या के बाद से ही इंडिया और कनाडा के बीच में लगातार गरमा -गर्मी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। बढ़ते हुए विवाद के दौरान अब हाल ही में भारत और कनाडा ने दोनों राज्यों से अपने-अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। वही दोनों राज्यों के शीर्ष राजदूतों के साथ-साथ अन्य राजनायकों को भी राज्यों से निष्कासित किया गया है। वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में हुए हरदीप सिंह गुर्जर की कथित हत्या का इल्जाम भारतीय उच्चायुक्त समय 6 राजनायिकों पर लगाया है ।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए इन सभी आरोपों का खंडन करते भारत सरकार ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और पांच राजनायकों को वापस बुला लिया है। जानकारी के लिए बता दें कनाडा द्वारा भारतीय राजनायिकों और उच्चायुक्तों पर लगाए गए इल्ज़ाम के पश्चात कनाडा ने इन्हें कनाडा छोड़ कर जाने के लिए कह दिया था । ऐसे में भारत ने भी जवाबी कार्यवाही करते हुए अपने राजनीतिक और उच्चायुक्त को भारत वापस बुला लिया है। इसी के साथ ही भारत में कनाडा के राजनायिकों को भारत छोड़ने के लिए भी कह दिया है।
India Canada Tension – क्या है पूरा मामला?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लिए गए इस फैसले के जवाब में भारत ने भी कनाडा के राजधानी को शनिवार 19 अक्टूबर तक रात 12:00 बजे तक भारत छोड़ने के लिए कह दिया है। इस पूरी प्रक्रिया के अंतर्गत भारत ने 6 कनाडाई राजनायिकों को भारत से निष्कासित कर दिया है जिसके अंतर्गत कनाडा उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, उच्चायुक्त पैट्रिक हैबर्ट और प्रथम सचिव मेरी कैथरीन जोली, लैंन रॉस , डेविड ट्राइट्स ,एडम जेम्स चुइपका और पॉला ओरजुएला शामिल है। इन 6 कनाडाई राजनायिकों को अगले 5 दिनों में भारत छोड़ने के लिए आदेश दे दिए गए हैं।
कनाडा सरकार लगा रही है बेबुनियाद इल्ज़ाम
बता दें कनाडा में जस्टिन ट्रूडो खुद सत्ता विरोध झेल रहे हैं । ऐसे में जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में भारत पर भी गुप्त अभियान और खालिस्तानियों को समर्थन का अभियान का आरोप लगाया है। इसके साथ ही कनाडा सरकार का कहना है कि कनाडा सरकार के पास में भारत के खिलाफ पुख्ता सबूत है कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा में गलत गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं और अभी भी शामिल है। उन्होंने इसे कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बताया है।
इसी तर्क के चलते जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय राजनायिकों को कनाडा से निकल जाने का आदेश दे दिया था जिसके चलते भारत सरकार ने अपने राजनायिकों को भारत में वापस बुलाने पर भी मोहर लगा दी है और कनाडा राजनायिकों को अगले 5 दिनों में भारत छोड़ने का आदेश भी दे दिया है।
जस्टिन ट्रूडो खेल रहे हैं राजनीतिक खेल
भारत ने भी कनाडा द्वारा लगाए गए इस सभी आरोपी को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है। वहीं जस्टिन ट्रूडो पर राजनीतिक लाभ के लिए सिख समुदाय को खुश करने का आरोप लगा दिया है। जानकारी के लिए बता दें कनाडा में आज भी काफी बड़ी आबादी सिख समुदाय की है। ऐसे में सिख समुदायों को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने के लिए जस्टिन ट्रुडो भारत पर इल्जाम लगा रहे हैं और भारतीय एजेंटों पर हत्या ,जबरन वसूली और हिंसक कृतियां में शामिल होने का आरोप थोप रहे हैं।
कनाडा सरकार सबूत पेश करने में हो रही है विफल
कनाडा सरकार का कहना है कि कनाडा पुलिस ने भारत सरकार को इन सभी गतिविधियों के सारे सबूत पेश कर दिए हैं जिससे यह पता चलता है कि भारत सरकार के एजेंट इन सभी गतिविधियों में शामिल है । जिसका खंडन करते हुए भारत सरकार ने साफ रूप से कहा है कि कनाडा ने अपने दावों को समर्थन करते हुए कोई सबूत पेश नहीं किये है बल्कि जस्टिन ट्रूडो अपने राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे सब कदम उठा रहे हैं जिससे कि कनाडा के सिख जस्टिन ट्रूडो के हक में बोलने लगे और उन्हें फिर से एक बार सत्ता में वापस आने का मौका मिले।
भारत सरकार पहले ही पेश कर चुकी थी संदिग्धों की सूची,
इस पूरे क्रम में हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी साफ तौर से बयान जारी कर दिया है कि उन्हें वर्तमान कनाडा सरकार और उनकी सुरक्षा प्रणाली पर किसी भी प्रकार का कोई भरोसा नहीं है । ऐसे में भारत सरकार ने कनाडा में रह रहे अपने उच्चायुक्त और राजनीतिक अधिकारियों को सुरक्षा की दृष्टि से वापस बुलाने का फैसला कर लिया है । इसके साथ ही भारत सरकार ने यह भी साफ तौर पर कह दिया है कि भारत सरकार कनाडा की किसी भी धमकी से नहीं डरने वाली ।
यहां तक की भारत सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि उन्होंने 2023 में ही कनाडा सरकार को कुछ ऐसे संदिग्धों की लिस्ट बता दी थी जो अलगाववादी समूह का नेतृत्व कर रहे थे और उनमें से एक आतंकवादी भी था। हालांकि कनाडा सरकार ने इस पूरे मामले पर कोई कार्यवाही नहीं की जिसके चलते हुए वर्तमान में भारत और कनाडा के बीच में इस प्रकार की तना-तनी बनी हुई है
भारत सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि कनाडा ने भारत विरोधी गतिविधियों को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कनाडा में उचित ठहरा दिया है। जिसकी वजह से कनाडा में अवैध तरीके से लोगों को नागरिकता दी जा रही है और कनाडा में आतंकवादी संगठनों और अलगाववादी संगठनों को भी संरक्षण दिया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची पर भी कनाडा सरकार ने किसी प्रकार का कोई कड़क रुख नहीं अपनाया ।
वही अब कनाडा सरकार कनाडा में हो रहे इस हत्याकांड का जिम्मेदार भारत को ठहरा रही है । इस पूरे क्रम में भारत सरकार ने काफी कड़ा रुख अपना लिया है जहां भारत सरकार ने साफ तौर पर कह दिया कि कनाडा पुलिस ने एक भी सबूत अब तक इस मामले में पेश नहीं किया जहां कनाडा यह साबित कर सके कि इस हत्याकांड में भारत सरकार के एजेंट का हाथ था।
भारतीय उच्चायुक्त पर बेबुनियाद इल्ज़ाम
कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों पर भी विदेश मंत्रालय का यह कहना है कि कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय शर्मा पर सरकारी एजेंट होने का आरोप लगाया है । जहां यह देखने लायक बात है कि भारतीय उच्चायुक्त संजय शर्मा 36 वर्षों से प्रतिष्ठित करियर के साथ-साथ भारत के वरिष्ठ राजनायक रह चुके हैं। इन्होंने जापान, सूडान, इटली ,तुर्की ,वियतनाम ,चीन इत्यादि में भारत सरकार के लिए काम किया है । ऐसे में ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्ति पर बिना सोचे समझे इल्जाम लगाना और सबूत पेश न कर पाना काफी हास्यास्पद है। इसलिए इस पूरी प्रक्रिया के अंतर्गत भारत सरकार अब कड़ा निर्णय को चुकी है ।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर भारत सरकार ने यह साफ कर दिया है कि कनाडा सरकार बिल्कुल भी भरोसे लायक नहीं है । कनाडा सरकार अलगाववादी संगठनों को जानबूझकर बढ़ावा दे रही है और उन्हें जबरदस्ती अवैध तरीके से कनाडा में रहने के लिए नागरिकता उपलब्ध करा रही है। इस पूरे मुद्दे का लाभ जस्टिन ट्रूडो सियासी रूप से ले रहे हैं और वह भारत को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं । कुल मिलाकर इस पूरे मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए भारत सरकार ने कनाडा के 6 राजनायक निष्कासित कर दिए हैं जो आने वाले शनिवार 19 अक्टूबर तक रात 12:00 से पहले भारत छोड़कर चले जाएंगे।