Mock Drill: 7 मई 2025 को भारत सरकार ने देशभर में एक व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल (Mock Drill) का आयोजन करने का निर्णय लिया है। इस मॉडल को ऑपरेशन अभ्यास नाम से संबोधित किया जा रहा है। यह अभ्यास भारतभर के 244 से ज्यादा जिलों में आज आयोजित किया जाएगा जिसमें आपातकालीन परिस्थितियों जैसे कि युद्ध, हवाई हमले, आतंकी हमले हेतु नागरिकों को तैयार करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस संपूर्ण Mock Drill अर्थात ऑपरेशन अभ्यास का मुख्य उद्देश्य देश की आपातकालीन योजनाओं की प्रभावशीलता का परीक्षण करना है ताकि देश की सुरक्षा नीतियों की तैयारी की पहचान की जा सके और कमजोरियों को जान कर इनका हल निकाला जा सके।
बता दे यह मॉक ड्रिल पहलगाम हमले (Pahalgam attacks) के बाद भारत सरकार द्वारा सुरक्षा नीति के अंतर्गत गठित की जा रही है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झंझोड़ कर रख दिया है जिसमें बेकसूर 26 पर्यटकों की जान चली गई। यह हमला आतंकियों द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा और खतरनाक हमला था जहां धर्म पूछ कर पुरुषों को उनके परिवार जनों के सामने गोली मार दी गई। इस घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और ज्यादा बढ़ा दिया है जिसके परिणाम स्वरुप भारत लगातार पाकिस्तान से जरूरी एक्शन लेने की मांग कर रहा है। परंतु पाकिस्तान की तरफ से किसी प्रकार का कोई एक्शन नहीं लिया गया और ना ही टेररिस्ट के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई।
Mock Drill Meaning
हालांकि भारत सरकार अब टेररिस्ट कैम्प को नेस्तोनाबूत करने हेतु तैयारी आरंभ कर चुकी है और इसी के परिणाम स्वरूप पर मई 2025 को देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल (civil defense mock drill) आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस Mock Drill का मुख्य उद्देश्य भविष्य में यदि किसी प्रकार का कोई युद्ध होता है तो नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार करना है।
इस मॉक ड्रिल के अंतर्गत देश भर के लोगों सरकारी एजेंसियों और संगठनों को आपातकालीन परिस्थितियों जैसे कि युद्ध हवाई हमने आतंकी हमले के लिए तैयार किया जाएगा ताकि नागरिक खुद को और अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए ट्रेनिंग (Importance of mock drill) प्राप्त कर सके।
7 मई 2025 को की जाने वाली Mock Drill और उसका उद्देश्य
7 मई को आयोजित इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है नागरिकों को युद्ध और आतंकी हमले जैसी स्थिति में सुरक्षित रहने के लिए ट्रेनिंग देना ताकि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ज्यादा बढ़ता है और इस मुद्दे पर यदि युद्ध होता है तो आम जनता युद्ध जैसी स्थिति में तैयार रह सके। यह देश के 244 सिविल डिफेंस जिलों में आयोजित की जाने वाली है जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे जैसे संवेदनशील शहर सम्मिलित किए गए हैं।
इस मॉक ड्रिल के अंतर्गत क्या किया जाएगा
- इस मॉक ड्रिल के अंतर्गत आपातकालीन प्रणालियों की जांच की जाएगी जैसे कि हवाई हमले की चेतावनी देने के लिए सायरन,
- भारतीय वायु सेवा के साथ हॉटलाइन रेडियो संचार लिंक की कार्य क्षमता का परीक्षण करना,
- स्कूल कॉलेज और समुदायों में नागरिकों और छात्रों को सायरन बजाने के बाद जरूरी एक्शन लेने के लिए ट्रेन करना,
- ब्लैकआउट प्रोटोकॉल की जानकारी देना जहां सारी रोशनी बंद कर केवल बुनियादी ढांचे में खुद को छुपाया जाता है
- वही ऐसे जोखिम वाले क्षेत्र जो सबसे ज्यादा संवेदनशील है ऐसी जगह से लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगहों पर ले जाने की प्रैक्टिस करना
Mock drill procedure step by step मॉक ड्रिल के अंतर्गत कौन-कौन से एक्टिविटीज की जाएंगे
- 7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी देते हुए सायरन विभिन्न शहरों में बजाए जाएंगे जिसमें सबसे छोटा सायरन सुरक्षा का संकेत देता है तो सबसे लंबा सायरन खतरे की चेतावनी होता है। इस सायरन के माध्यम से लोगों को यह सिखाया जाएगा कि किस प्रकार सायरन सुनते ही घर के अंदर जाकर विद्युत उपकरण और अन्य संवेदनशील उपकरण बंद करना है ।
- मॉक ड्रिल के दौरान कुछ क्षेत्रों में 10 मिनट तक ब्लैकआउट भी किया जाएगा। ब्लैक आउट प्रक्रिया में 10 मिनट के लिए विद्युत उपलब्धता पूरी तरह से रोक दी जाएगी ताकि संवेदनशील क्षेत्रों में पूरी तरह से अंधेरा हो जाए। इस दौरान ऐसे स्थानों की भी खोज की जाएगी जहां नागरिक एक साथ इकट्ठा होकर छुप सकते हैं और नागरिकों को बताया जाएगा कि किस प्रकार वे युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति में अपने आप को और अपने परिजनों को बचाएं और छुपाने का कार्य कर सकते हैं।
- इसके साथ ही इस मॉडल में महत्वपूर्ण ढांचों को छिपाने की तैयारी की ड्रिल भी पूरी की जाएगी और लोगों को यह भी सिखाया जाएगा कि संवेदनशील स्थानों से किस प्रकार बाहर निकलना है और सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहुंचना है।
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यह मॉक ड्रिल कौन-कौन से स्थान पर आयोजित की जा रही है?
देश के 244 से 259 जिलों में आयोजित की जाने वाली है जिसके लिए सरकार ने एक आधिकारिक सूची जारी कर दी है और विभिन्न जिलों के डीएम द्वारा भी ऑर्डर पारित कर दिए गए हैं। यह सारे जिले संवेदनशील इलाके हैं जिनमें से कुछ तो सीमावर्ती राज्य है जैसे कि जम्मू कश्मीर, पंजाब ,राजस्थान ,हिमाचल प्रदेश, गुजरात इसके अलावा भारत के प्रमुख मेट्रो सिटीज जैसे कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई ,बेंगलुरु, हैदराबाद ,अहमदाबाद, पुणे ,लखनऊ ,पणजी इसके साथ ही केरल के 14 जिले, पंजाब के 20 जिले, उत्तर प्रदेश के कुछ संवेदनशील जिले और महाराष्ट्र के अति संवेदनशील जिलों में यह मॉक ड्रिल आयोजित की जाने वाली है।
Mock Drill safety guidelines: मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को कौन से दिशा निर्देश फॉलो करने होंगे
मॉक ड्रिल अलग-अलग जिलों में अलग-अलग समय पर गठित की जाने वाली है जिसका पूरा कार्यभार जिलों के डीएम और सुरक्षा बलों द्वारा संभाल जाएगा। इस दौरान हर जिले में नागरिकों के लिए जरूरी नोटिस भी जारी कर दिया गया है। हालांकि नागरिकों को इस नौकरी के दौरान विशेष दिशा निर्देशों का पालन करना होगा जैसे
- सायरन सुनते ही अपने घर या निकटतम सुरक्षित स्थानों में छिप जाए।
- ब्लैकआउट के दौरान बिजली उपकरण बंद कर दें और केवल मोमबत्ती या टॉर्च का ही प्रयोग करें।
- आपातकालीन सेवाओं से संपर्क करने के लिए 100, 101 या 112 नंबर का ही प्रयोग करें।
- किसी भी प्रकार की गलत खबर पर भरोसा ना करें और इसे वायरल करने से बचें।
- स्थानीय अधिकारियों, सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करें।
- आधिकारिक घोषणाओं पर ही ध्यान दें और बेवजह की अफवाहों से बचें।
- अपने घर में टॉर्च, मोमबत्ती और नकदी तैयार रखें।
- छोटे बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
निष्कर्ष: Mock drill planning and execution
पाठकों की जानकारी के लिए बता दे 7 मई 2025 को आयोजित Mock Drill केवल एक अभ्यास है यह सरकार द्वारा आयोजित एक ऐसा कार्यक्रम है जिसके माध्यम से सरकार अपने सुरक्षा नीतियों की जांच परख करने वाली है ताकि उसमें आवश्यक सुधार किया जा सके और आपातकालीन स्थितियों के लिए सुरक्षा बलों सुरक्षा नीतियों तथा नागरिकों को तैयार किया जा सके।
नागरिकों को इस मॉड ड्रिल से घबराने की कोई जरूरत नहीं है बल्कि इस मॉक ड्रिल से आत्मविश्वास जगाना है जिसके अंतर्गत नागरिकों को अपनी सूझबूझ और विवेक का परिचय देते हुए सरकार का साथ देना है ताकि यदि युद्ध कालीन परिस्थितियों का निर्माण होता है तो नागरिक अपने साथ-साथ अपने आसपास के दूसरे लोगों की भी सुरक्षा सुनिश्चित कर सके।